क्लास में 2 बार फेल होने के बावजूद शख्स ने खड़ी कर दी भारत की सबसे बड़ी फूड डिलीवरी कंपनी।
- सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में इस कंपनी ने 1200 से अधिक रेस्टोरेन्ट्स के साथ एग्रीमेंट कर लिया है।
- दीपिंदर गोयल और उनके साथी पंकज चड्डा ने एक वेबसाइट बनाई Foodiebay.com जिसमें हर रेस्टोरेंट का मेनू कार्ड उपलब्ध होता था।
- शुरू होने वाला है जोमैटो का फूड और म्यूजिक कार्निवल।
पूरे विश्व में घर-घर खाना पहुंचाने वाला फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो अब करोड़ों तक पहुंच गया है। जोमैटो पिछले एक महीने से काफी चर्चा में है। डिलीवरी ब्वॉय और अब रेस्टोरेंट संचालकों के साथ जोमैटो गोल्ड मेंबरशिप की वजह से विवाद में है। लेकिन, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जोमैटो के मालिक अपनी शुरुआती पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नहीं थे। इतना ही नहीं, वह दो बार फेल भी हो चुके हैं।
आखिर कौन हैं जोमैटो के मालिक?
जोमैटो के मालिक दीपिंदर गोयल हैं और उन्होंने अपने दोस्त पंकज चड्डा के साथ मिलकर जोमाटो को साल 2008 में फूडीबे के नाम से शुरु किआ था, जिसके बाद 18 January 2010 को इसे जोमैटो कर दिया गया था। आपको बता दें कि, दीपिंदर गोयल अपने पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और वह दो बार फेल भी हो गए थे। आज यह ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी 24 देशों के 12 लाख शहरों में अपनी सेवाएं दे रही है।
सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में इस कंपनी ने 1200 से अधिक रेस्टोरेन्ट्स के साथ एग्रीमेंट कर लिया है। जोमैटो एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। यह कंपनी पूरे देश में फ़ूड डिलीवरी का काम कर रहा है। जोमैटो ने अपना बिज़नेस सबसे पहले दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, पुणे और कोलकाता में शुरू किया था और साल 2012 में जोमाटो ने अपना बिज़नेस यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, श्रीलंका, क़तर, इंग्लैंड जैसे देशों में शुरू किया था।
जोमैटो की शुरुआत के पीछे आखिर क्या वजह रही?
जोमैटो की शुरुआत 10 साल पहले दीपिंदर गोयल और उनके साथी पंकज चड्डा ने मिलकर की थी। दोनों ही आईआईटी दिल्ली के स्टूडेंट्स थे। उन्होंने कॉलेज के बाद साथ में ही एक मैनेजमेंट कंसल्टेंट कंपनी “बेन एंड कंपनी” में काम किया। वहां काम करते हुए उन्होंने नोटिस किया कि लोग रेस्टॉरेंट जाकर मेनू देखने में ही काफी वक्त बरबाद कर देते हैं। जिसे देखते हुऐ दीपिंदर ने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाये कि लोगों को बाहर जाकर मेनू देखने में ही समय खराब न करना पड़े और वह जहाँ हो वहीं से मेनू चेक कर सकें।
शुरुआती दिनों में तो इस वेबसाइट पर बहुत कम रेस्टोरेंट की इनफार्मेशन मौजूद थी। हालांकि, वक्त के साथ-साथ उनका यह कारोबार दिल्ली से बढ़कर मुंबई और कोलकाता तक पहुंच गया। धीरे-धीरे यह ऐप लोगों के बीच बहुत पॉपुलर हो गई और इसके यूजर्स बढ़ते गए।
जोमैटो का आगमन कैसे हुआ?
दीपिंदर गोयल और उनके साथी पंकज चड्डा ने एक वेबसाइट बनाई Foodiebay.com जिसमें हर रेस्टोरेंट का मेनू कार्ड उपलब्ध होता था। इससे लोग बिना कहीं जाए यानि ऑनलाइन ही रेस्टॉरेंट में उपलब्ध फ़ूड और उसकी कीमत देख लेते थे और साथ ही एक साइड रेटिंग का भी विकल्प था, जिसके जरिए लोगों को पता चल सकता था कि कौन-सा रेस्टॉरेंट अच्छा था।
जोमैटो के फाउंडर पंकज चड्ढा और दीपिंदर गोयल ने इसे और ज्यादा आकर्षक और यूजर्स के अनुकूल बनाने के लिए ‘फूडीबे’ नाम दिया था। क्योंकि बहुत से लोगों ने इसे ईबे के लिए गलत समझा जिसके वजह से, उन्हें नाम बदलना पड़ा। साल 2010 में, टमाटर के साथ राइम करने वाले शब्द जोमैटो की शुरुआत हुई।
शुरू होने वाला है जोमैटो का फूड और म्यूजिक कार्निवल
जोमैटो ने अपने मल्टी सिटी फूड और म्यूजिक कार्निवल जोमालैंड का अनाउंसमेंट कर दिया है। बता दें कि यह इसका दूसरा एडिशन होगा। यह इवेंट पुणे, मुंबई, अहमदाबाद, नई दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। जोमालैंड इवेंट 5 नवंबर से 26 फरवरी तक चलेगा। इस इवेंट में शहर के रेस्टोरेंट धमाकेदार परफॉर्मेंस, सभी उम्र के लोगों के लिए तमाम एक्टिविटीज, कई आकर्षक चीजें भी होने वाली हैं। इस इवेंट के लिए 400 रेस्टोरेंट पार्टनरशिप कर रहे हैं।
कंपनी 24 देशों में दे रही है सेवाएं, 19 में मार्केट लीडर
जोमैटो विश्व के 24 देशाओं में अपनी सेवाएं दे रही है। जिसमें से वह 19 देशों में रेस्टोरेंट सर्च के मामले में मार्केट लीडर है। जोमैटो से दुनिया भर के लगभग 10 हजार शहरों के लगभग 14 लाख रेस्टोरेंट सक्रिय रूप से सेवाएं दे रहे हैं।
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