क्या है फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे सेल की सच्चाई ?
- ज्यादातर देखने को मिला है कि डिस्काउंट के बाद उस प्रोडक्ट की वैल्यू नॉर्मल प्राइस के लगभग बराबर ही रहती है।
- अमूमन जो भी प्रोडक्ट्स बिग बिलियन डे सेल में बेचे जा रहे हैं उनके प्राइस पहले से अधिक रहते हैं।
- कंपनी प्रमोशन के जरिए ओवर-हाइप बना देती है
फ्लिपकार्ट की ‘बिग बिलियन डे सेल’ लौट आई है। जिसके तहत ई-कॉमर्स कंपनी कई सामानों पर भारी छूट दे रही है। कंपनी इस दौरान कई प्रोडक्ट्स पर 80% तक की छूट दे रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या यह संभव है कि कोई कंपनी तय कीमतों से कम कीमतों पर सामान बेचकर मुनाफा कमा ले, जैसा कि फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे सेल में देखने को मिल रहा है। आज के इस लेख से हम इस बात को समझेंगे कि फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे सेल की आखिर सच्चाई क्या है?
1. प्रोडक्ट्स के प्राइस पहले से अधिक रहते हैं
अमूमन जो भी प्रोडक्ट्स बिग बिलियन डे सेल में बेचे जा रहे हैं उनके प्राइस पहले से अधिक रहते हैं। जिसका मतलब है कि इन प्रोडक्ट्स की कीमत को लॉन्च प्राइस से कंपेयर किया जाता है न कि एमआरपी से। इसे ऐसे समझा जा सकता है- मान लीजिए किसी प्रोडक्ट का लॉन्च प्राइस 15 हजार रुपये था लेकिन अब नॉर्मल प्राइस 10 हजार रुपये है। तो इस स्थिति में कंपनी नॉर्मल प्राइस से नहीं बल्कि लॉन्च प्राइस के अगेंस्ट डिस्काउंट देती है। ज्यादातर देखने को मिला है कि डिस्काउंट के बाद उस प्रोडक्ट की वैल्यू नॉर्मल प्राइस के लगभग बराबर ही रहती है।
2. कंपनी प्रमोशन के जरिए ओवर-हाइप बना देती है
फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे सेल के ज्यादा एडर्वटाइजमेंट इन दिनों आप हर जगह देख रहे होंगे; चाहे वह सोशल मीडिया हो, टीवी हो या अन्य कोई माध्यम। इसके अलावा, कई टेक विशेषज्ञ भी सेल का वर्ड ऑफ माउथ (पब्लिसिटी) कर देते हैं। जिसके चलते सेल के मौके पर खरीददारी को ज्यादातर लोग सही मानते हैं। कई बार जरूरत न होने पर भी सेल का फायदा उठाने के लिए लोग खरीददारी कर ही लेते हैं। जोकि कंपनी की कमाई में बड़ा रोल प्ले करता है।
3. बैंक ऑफर्स या क्रेडिट कार्ड के तहत फायदा होने की बात
दरअसल, बैंक ऑफर्स या क्रेडिट कार्ड ऑफर्स के तहत भी काफी सेल होती है। क्योंकि बैंक के ऑफर्स एक निश्चित सीमा की खरीददारी पर फायदे की बात कहते हैं। ठीक इसी तरह क्रेडिट कार्ड में भी देखने को मिलता है। मान लीजिए, आपको खरीददारी करनी थी केवल 2 हजार रुपये की लेकिन आपको बैंक ने 5 हजार रुपये की खरीददारी पर 20 प्रतिशत डिस्काउंट का ऑफर दिया है। तब ज्यादातर देखने को मिला है कि सेल के दौरान लोग बैंक ऑफर्स और क्रेडिट कार्ड ऑफर्स का प्रयोग करते हैं।
4. सेल लगाने का मकसद क्या है
दरअसल, सेल लगाने का आमतौर पर एक मकसद यह भी है कि कंपनी पुराना स्टॉक निकालना चाहती है। इसलिए कई बार सामानों को कम कीमत पर बेचा जाता है। हालांकि, कंपनी इस बात का ध्यान रखती है कि वह किसी भी प्रकार से नुकसान की स्थिति में न पहुंचे।
5. ज्यादा डिस्काउंट की आड़ में बाकी प्रोडक्ट्स बेचना
फ्लिपकार्ट की ‘बिग बिलियन डे सेल’ या फिर कोई अन्य सेल हो। देखने को मिलता है कि सभी प्रोडक्ट्स पर समान डिस्काउंट नहीं रहता है। कई बार तो किसी प्रोडक्ट को सेम प्राइस पर लिस्ट किया जाता है। दरअसल, कंपनी ज्यादा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट की आड़ में बाकी प्रोडक्ट्स भी बेचने में कामयाब रहती है। करीब 80 प्रतिशत प्रोडक्ट्स ऐसे रहते हैं जिनमें ज्यादा ऑफर्स या डिस्काउंट नहीं रहते; अगर रहते भी हैं तो मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
6. कॉम्बो ऑफर्स के जरिए कस्टमर्स को लुभाना
सेल कोई भी हो लेकिन आपने देखा होगा कि कॉम्बो ऑफर्स वहां जरूर होंगे। कॉम्बो ऑफर्स में कंपनी ज्यादातर उन प्रोडक्ट्स को लिस्ट करती है जिनका क्लीयरेंस करना है या स्टॉक में जो ज्यादा हैं। ऐसे में बाकी प्रोडक्ट्स के साथ उन्हें जोड़कर कॉम्बो ऑफर्स दिया जाता है।
7. एक्सचेंज ऑफर्स के जरिए भी होती है कंपनी की कमाई
एक्सचेंज ऑफर्स के जरिए भी ई-कॉमर्स कंपनी काफी कमाई करती है। दरअसल, कंपनी कहती है कि पुराना लाओ और नया ले जाओ। इसके पीछे कंपनी की मंशा रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग खरीददारी करें। बदले में दिए गए प्रोडक्ट्स की वैल्यू कम आंकी जाती है। ग्राहक भी इस तरफ ज्यादा ध्यान अमूमन नहीं देते क्योंकि उनके विचार में वो पुरानी चीज के बदले में नई चीज खरीद रहे हैं। भले ही उसके लिए उन्हें कुछ पैसा देना पड़ रहा हो।
फ्लिपकार्ट की ‘बिग बिलियन डे सेल’ हो या फिर कोई अन्य सेल हो, कोई भी कंपनी तय कीमतों से कम कीमत पर किसी प्रोडक्ट को नहीं बेचती है। ग्राहक को यह जानना चाहिए कि कंपनी लॉन्च प्राइस पर ही डिस्काउंट दिखाकर सेल में प्रोडक्ट्स को लिस्ट करती है। नॉर्मल प्राइस और सेल में मिलने वाले किसी भी प्रोडक्ट के प्राइस लगभग बराबर ही देखने को मिल सकते हैं।
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