दुनिया का वो गांव, जहां बगैर कपड़ों के रहते हैं लोग, जानें क्या है वर्षों पुरानी परंपरा।
हम अगर किसी ऐसे व्यक्ति को देख लें जिसके कपड़े फटे-पुराने हों या वह बगैर कपड़ों के हो तो हम उसे गरीब समझ लेंगे लेकिन आज हम आपको ब्रिटेन के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जहां पर रहने वाले लोग बिना कपड़ों के रहते हैं। बड़े-बड़े बंगलों में रहने के बावजूद लोग बिना कपड़ों के रहते हैं। गांव में पब, स्विमिंग पूल और क्लब जैसी सुविधाएं भी हैं।
ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर में स्थित है स्पीलप्लाट्ज
ब्रिटेन के इस गांव में लोग सालों से बिना कपड़ों के रह रहे हैं। गांव में रहने वाले लोगों के पास संसाधनों की कमी बिल्कुल भी नहीं हैं। यहां के लोग आलीशान घरों में रहते हैं। गांव में रहने वाले लोगों के पास तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन यहां के लोग मान्यताओं और परंपराओं के कारण कपड़े नहीं पहनते हैं। यह गांव ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर में स्थित है और इस गांव का नाम स्पीलप्लाट्ज है। इस गांव में बच्चों से लेकर बूढ़े तक कोई भी कपड़े नहीं पहनता है। इस गांव की अनूठी परंपरा के बारे में दुनिया भर से कई लोगों ने डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म्स बनाई हैं। हालांकि, यह गांव दुनिया से कटा हुआ बिल्कुल भी नहीं है। इस गांव में भी बाहरी दुनिया से लोग आते हैं।
स्पीलप्लाट्ज गांव में नहीं पहनते लोग कपड़े
जर्मन भाषा में स्पीलप्लाट्ज का मतलब होता है- खेल का मैदान। हर्टफोर्डशायर में स्थित यह अनोखा गांव ब्रिटेन की सबसे पुरानी कॉलोनियों में से एक है। यहां आपको खूबसूरत घरों के साथ स्विमिंग पूल और पार्क जैसी सुविधाएं मिल जाएंगी। इन लोगों का खान-पान भी बेहद अव्वल दर्जे का है। एक अनुमान के मुताबिक, लोग इस अनोखे गांव में बीते 93 साल से भी अधिक समय से ऐसे ही रह रहे हैं। कोई भी यहां कपड़े नहीं पहनता है। दरअसल, इन लोगों को जिस व्यक्ति ने इस गांव में बसाया था, उसका मानना था कि प्रकृति में रहने वाले जीव-जंतुओं और इंसानों में कोई अंतर नहीं है। इसलिए इंसान को भी ऐसे ही बगैर कपड़ों के रहना चाहिए। 2021 में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, इस जगह पर 65 घर हैं।
कैसे हुई थी स्पीलप्लाट्ज गांव की स्थापना?
स्पीलप्लाट्ज गांव की स्थापना साल 1929 में चार्ल्स मैकास्की और उनकी पत्नी डोरोथी ने की थी। जब वो लोग लंदन से यहां शिफ्ट हुए तब वे ब्रिकेट वुड के पास खरीदे गए एक निर्जन क्षेत्र में तम्बू में रहे थे। चार्ल्स मैकास्की और उनकी पत्नी डोरोथी अपने उस यूटोपियन तम्बू को ग्रीन मोनेंस्टरी और प्ले प्लेस (स्पीलप्लाट्ज) कहते थे। जब उन्हें वहां पर कुछ कपल्स ने देखा तो उन्होंने भी चार्ल्स और डोरोथी के साथ रहने का निर्णय लिया। लोग उनकी पहल का हिस्सा बनते रहे। 1947 तक स्पीलप्लाट्ज गांव में उनके आगंतुकों में ऑर्डर ऑफ बार्ड्स, ओवेट्स और ड्र्यूड्स के संस्थापक रॉस निकोल्स शामिल थे।
फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री में भी स्पीलप्लाट्ज को दिखाया गया
स्पीलप्लाट्ज गांव ही वो जगह थी जहां रॉस निकोल्स पहली बार गेराल्ड गार्डनर से मिले थे। स्पीलप्लाट्ज गांव को टीवी और फिल्मों में भी दिखाया गया है जैसे कि 1961 में Naked as Nature Intended में, जिसमें पामेला ग्रीन थीं। इसके अलावा, 1959 में Nudist Memories और 2006 में Confetti में भी स्पीलप्लाट्ज गांव को दिखाया गया था। 1957 में ITV की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ आउट ऑफ़ स्टेप सामने आई थी। जिसमें रिपोर्टर डैन फ़ारसन ने ब्रिकेट वुड में स्पीलप्लाट्ज़ नेचुरिस्ट क्लब का दौरा किया और चार्ल्स मैकास्की, उनकी पत्नी और उनकी बेटी इसेल्ट का इंटरव्यू किया था। दावा किया जाता है कि पहली बार इसी कार्यक्रम के जरिए ब्रिटिश टेलीविजन पर एक नग्न महिला दिखी थी।
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इस गांव में घूमने आने वालों को भी करना पड़ता है इन नियमों का पालन
अगर कोई इस गांव से दूसरे इलाकों में आता-जाता है तो वह कपड़े पहनता है। लेकिन गांव में आने पर उसे सभी कपड़े उतारने पड़ते हैं। यहां के लोग बेहद शांत होते हैं। अगर कोई अन्य कारणों से पोशाक पहनना चाहता है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्हें इस तरह दिखने में भी शर्म नहीं आती है। लेकिन उनके इस तरीके का वहां के सामाजिक संगठनों ने विरोध किया। मीडिया में भी चर्चा हुई। यह भी चिंता जताई गई है कि यह एक उचित तरीका नहीं है। लेकिन यहां के लोग इससे बेफिक्र होकर कपड़े नहीं पहनते हैं।
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