November 14, 2025

जानें धनतेरस पर क्यों की जाती है इनकी पूजा?

  • धन्वंतरि भगवान आयुर्वेद के पिता माने जाते हैं और वे सुख, स्वास्थ्य और दीर्घायु के देवता हैं। इस पर्व के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, धन्य वस्त्र पहनते हैं, और विभिन्न प्रकार के पूजा और धन्वंतरि भगवान के चित्र की पूजा करते हैं।
  • धनतेरस का महत्व इस पर्व के नाम में ही छिपा होता है। “धन” शब्द का अर्थ होता है धन और “तेरस” शब्द का अर्थ होता है त्रयोदशी
  • धनतेरस हिन्दू संस्कृति में धन, सुख, और सामृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उपयोग का दिन है जिसे आदरपूर्ण भाव से मनाया करते हैं।

धनतेरस, हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण पर्व है जो दिवाली के पहले दिन मनाया जाता है। यह पर्व आयुर्वेदिक तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग इसे धन, सुख, और सामृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाते हैं।

धनतेरस, हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण पर्व है जो दिवाली के पहले दिन मनाया जाता है। यह पर्व आयुर्वेदिक तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग इसे धन, सुख, और सामृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाते हैं।

धनतेरस का महत्व इस पर्व के नाम में ही छिपा होता है। “धन” शब्द का अर्थ होता है धन और “तेरस” शब्द का अर्थ होता है त्रयोदशी, जो कि हिन्दी पंचांग के अनुसार किसी माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को कहा जाता है। यह पर्व लक्ष्मी, कुबेर, और धन्वंतरि की पूजा के साथ मनाया जाता है।

धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को सफाई करते हैं और उन्हें सजाने सवरने के बाद धनतेरस की पूजा करते हैं। यह पूजा धन की प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। धनतेरस के दिन लोग सोने और चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा भी है, जो धन की प्राप्ति को सिंबोलिज़ करती है।

इस पर्व का महत्व वेदों में भी है और हिन्दू धर्म के अनुसरण करने वाले विशेषकर वैष्णवों के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इसके अलावा, धनतेरस को व्यापारी और व्यापारिक समुदायों में भी खास महत्व दिया जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से लोग नए खाता-बही का आरंभ करते हैं और व्यापार में नई शुरुआत करते हैं।

इस प्रकार, धनतेरस हिन्दू संस्कृति में धन, सुख, और सामृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उपयोग का दिन है जिसे आदरपूर्ण भाव से मनाया करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस हिन्दू धर्म के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है, और इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह पर्व धन, स्वास्थ्य और भग्य की प्राप्ति के लिए भगवान धन्वंतरि की कृपा का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है।

धन्वंतरि भगवान आयुर्वेद के पिता माने जाते हैं और वे सुख, स्वास्थ्य और दीर्घायु के देवता हैं। इस पर्व के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, धन्य वस्त्र पहनते हैं, और विभिन्न प्रकार के पूजा और धन्वंतरि भगवान के चित्र की पूजा करते हैं। वे भगवान से अपने जीवन में धन, स्वास्थ्य और भग्य की दृढ़ इच्छा करते हैं।

इस दिन कानूनी रूप से धन की खरीददारी करने का भी प्रचलन है, और लोग नए धन, सोने, चांदी आदि की खरीददारी करते हैं। इसके बाद, धन को घर में स्थान देते हैं और इसे पूजा का विषय बनाते हैं। यह पर्व हिन्दू समाज में धन, स्वास्थ्य, और सफलता की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद पाने का एक अच्छा मौका होता है।

जानें धनतेरस पर क्यों की जाती है इनकी पूजा?

Arvind Rathan: Helping the Faith in Numerology.