भारत की सबसे युवा सेल्फ-मेड बिजनेस वुमन बनी यह लड़की, अमीरों की लिस्ट में हुई शुमार
- नेहा नरखेड़े महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उन्होंने स्थानीय स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की है। नेहा ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है।
- साल 2008 के फरवरी में नेहा नारखेड़े ने ओराकल कॉरपोरेशन में टेक्निकल स्टाफ के रुप में अपने करियर की शुरुआत की और साल 2010 के फरवरी तक इसी पद पर काम किया।
- सैन फ्रांसिस्को में साल 2020 के अक्तूबर में ओरेकल कोड वन सम्मेलन में उनको फोर्ब्स द्वारा अमेरिका की सेल्फ-मेड वुमन की लिस्ट में 33 सूचीबद्ध किया गया था।
कंप्यूटर आंकड़ों और संख्याओं के भंडार से पूरी तरह भरा रहता है और हर दूसरे दिन यह भंडार लगातार बढ़ता जाता है। ऐसे में बड़ी कंपनियों के लिए अपने इस डेटा को नियंत्रित कर पाना किसी सिरदर्द से कम नहीं है। डेटा मैनेजमेंट के क्षेत्र में विस्तृत संभावना को ध्यान में रखते हुए अमेरिका में रह रही भारतीय मूल की नेहा नारखेड़े ने तकरीबन 8 साल पहले अपने 2 सहयोगियों के साथ मिलकर एक कंपनी शुरु की थी। कम समय में ही उन्होंने इतनी ज्यादा दौलत और शोहरत कमाई कि साल 2020 में फोर्ब्स ने नेहा को अमेरिका की ‘सेल्फ मेड’ महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया और हाल ही में उन्हें आईआईएफएल वेल्थ हुरून इंडिया की 2022 की लिस्ट में भारत की सबसे कम उम्र की ‘सेल्फ मेड’ बिजनेस वुमन चुना गया है। तो आईए जानते हैं नेहा नरखेड़े की सफलता की कहानी।
कौन हैं नेहा नरखेड़े?
नेहा नरखेड़े महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उन्होंने स्थानीय स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की है। नेहा ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। पुणे यूनिवर्सिट से ग्रेजुएट होने के बाद वह जॉर्जिया चलीं गईं। फोर्ब्स के साथ हुए एक इंटरव्यू में नेहा ने कहा है कि वह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए अमेरिका चली गईं।
नेहा लिंक्डइन और ओरैकल में भी काम कर चुकी हैं
अपनी खुद की कंपनी की शुरुआत करने से पहले नेहा नरखेड़े लिंक्डइन और ओरैकल के साथ भी काम कर चुकी हैं। नेहा अपाचे काफ्का सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह का हिस्सा थीं। फिर साल 2014 में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू कर दी। 15 साल पहले नेहा अमेरिका चली गई थीं और वहीं से उन्होंने मास्टर्स पूरा किया। नेहा ने अपना ग्रैजुएशन पुणे यूनिवर्सिटी से ही किया था।
नेहा ने फोर्ब्स की अमीर सेल्फ मेड महिलाओं की सूची में भी 57वां स्थान हासिल किया था। साल 2018 में फोर्ब्स ने टेक्नोलॉजी से जुड़ी महिलाओं की सूची में नेहा का नाम शामिल किया था। हुरुन इंडिया के अनुसार सूची में 1000 करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले कुल 1103 लोगों को शामिल किया गया था। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इस सूची में 96 लोग और बढ़ गए हैं।
कैसे हुई उनकी कंपनी की शुरुआत?
साल 2008 के फरवरी में नेहा नारखेड़े ने ओराकल कॉरपोरेशन में टेक्निकल स्टाफ के रुप में अपने करियर की शुरुआत की और साल 2010 के फरवरी तक इसी पद पर काम किया। इसके बाद वह एक कंप्यूटर इंजीनियर के रुप में लिंकेडिन से जुड़ गईं और फिर यहीं से उनकी जिंदगी एक नए रास्ते पर चल पड़ी।
लिंकेडिन में काम करने के दौरान नेहा ने अपने दो सहयोगियों-जुन राव और जे क्रेप्स के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम करते हुए अपाचे काफ्का नाम से एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म का निर्माण किया। उन्होंने इस बारे में कहा है कि काम के वक्त क्रेप्स को डेटा एक्सेस में कुछ परेशानी आ रही थी और नेहा ने उन्हें इस इस बारे में सहायता की पेशकश की और एक बड़े विचार की शुरूआत हुई।
नेहा ने बताया है कि उन लोगों ने कोई नयी तकनीक बनाने की जगह पर उन तकनीकों को स्टडी और परीक्षण करना शुरू कर दिया, जो इस क्षेत्र में पहले से ही काम कर रही थीं और इस नतीजे पर पहुंचे कि इस परेशानी का कोई हल है ही नहीं पर इसकी आवश्यकता सभी को है। फिर यहां से अपाचे काफ्का की शुरुआत हुई। इसके दो साल बाद साल 2014 के सितंबर में इन तीनों ने मिलकर सॉफ्टवेयर कंपनी कांफ्लेयट की शुरुआत कर दी और बाद में बिजनेस टू बिजनेस ढांचागत कंपनी के रुप में इसका विस्तार किया।
कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नाम कमाने वाली नेहा, बिजनेस वुमन होने के साथ साथ लेखिका भी हैं और उन्होंने ग्वेन शापिरा और टोड बालिनो के साथ मिलकर एक किताब ‘काफ्का : द डेफिनिटिव गाइड’ लिखी है। इस किताब में उन्होंने काफ्का द्वारा निर्मित तमाम प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया है।
साल 2020 के मार्च में उन्होंने स्टार्टअप निवेशक और सलाहकार के बीबीसीतौर पर काम करना शुरू कर दिया था और वह टेक्नोलॉजी आधारित बहुत सी बड़ी-बड़ी कंपनियों को तकनीकी सलाह प्रस्तुत कराती हैं।
कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के साथ अपने लगाव की बारे में बात करते हुए नेहा ने कहा है कि जब वह 8 साल की थीं तो उनके माता-पिता ने उनको एक कंप्यूटर लाकर दिया और वहीं से कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी बढ़ने लगी। एक टेलीविजन चैनल पर नेहा ने कहा है कि उनकी सफलता में उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने बचपन से ही नेहा को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया और उनमें यह विश्वास पैदा किया कि वह दुनिया का कोई भी काम कर सकती हैं।
रीच लिस्ट में बनाई जगह
आपको बता दें कि, हुरुन इंडिया ने हाल ही में वर्ष 2022 के लिए अपनी रीच लिस्ट जारी की थी। हुरुन इंडिया की यह लिस्ट को 20 सितंबर को जारी कर दी गई थी, जिसमें भारत की बिजनेस वुमन नेहा नरखेड़े का नाम भी शामिल है। महाराष्ट्र की रहने वाली नेहा ने इस वर्ष रिच लिस्ट में शामिल होकर सबसे कम उम्र की सेल्फ मेड महिला बनकर इतिहास रच दिया है।
नेहा की कुल संपत्ति?
कंफ्लुएंट की सह-संस्थापक नेहा नरखेड़े, देश में बहुत सी महिलाओं के लिए इंस्पिरेशन बनीं हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में नेहा को 4,700 करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति के साथ 336वां स्थान प्राप्त हुआ है।
पुरस्कार और सम्मान
साल 2017 में, एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू ने उन्हें 35 साल से कम उम्र के इनोवेटर्स में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया। फिर अगले साल नेहा को अमेरिका की और फोर्ब्स द्वारा टेक्नोलोजी में दुनिया की शीर्ष 50 महिलाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और उन्होंने ओरेकल ग्राउंडब्रेकर अवार्ड भी प्राप्त किया था। सैन फ्रांसिस्को में साल 2020 के अक्तूबर में ओरेकल कोड वन सम्मेलन में उनको फोर्ब्स द्वारा अमेरिका की सेल्फ-मेड वुमन की लिस्ट में 33 सूचीबद्ध किया गया था। वहीं साल 2022 में उनको अनिताब से कंप्यूटिंग में महिलाओं के ग्रेस हॉपर उत्सव में प्रौद्योगिकी उद्यमिता पुरस्कार विजेता के लिए एबी अवार्ड मिला।
किन लोगों से प्रभावित हुई नेहा?
नेहा को जिन लोगों ने सबसे अधिक प्रभावित किया उनमें भारत की पहली महिला आइपीएस अफसर किरण बेदी, पेप्सीको की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अफसर इंदिरा नुई और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी एनआइओ की मुख्य कार्यकारी पद्माश्री वारियर शुमार हैं।
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