बृहस्पति के चांद पर छिपे हैं एलियंस? वैज्ञानिकों को मिला ये बड़ा सबूत।
क्या सच में एलियन होते हैं? क्या सच में यूएफओ दिखाई देती हैं? धरती से दूर क्या किसी दूसरे ग्रह में भी जीवन संभव हैं? अगर एलियन वास्तव में होते हैं तो वो कैसे दिखते होंगे? क्या एलियन इंसानों के लिए खतरा है? कभी कोई एलियन को देखे जाने का दावा करता है तो कभी कोई यूएफओ देखने का दावा करता है।
अभी तक एलियंस के अस्तित्व को लेकर कई प्रकार के दावे किए जाते हैं। एलियंस के बारे में वैज्ञानिकों के मत भी अलग-अलग हैं। एलियंस और यूएफओ को लेकर आए दिन अलग-अलग तरह के दावे किए जाते हैं। पृथ्वी पर आए दिन एलियन और यूएफओ को देखने का दावा किया जाता है। बहुत बार तो ऐसे भी दावे किए जाते हैं जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है। क्या ब्रह्मांड में धरती के अलावा कहीं जीवन है? क्या अंतरिक्ष में एलियन का अस्तित्व है? इन सब बातों को लेकर किसी के पास ठोस सबूत नहीं है। एलियन के अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। हालांकि हर दिन एलियन के बारे में नए-नए दावे होते रहते हैं।
विज्ञान ने बीते समय में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। अब वैज्ञानिक अंतरिक्ष में ऐसी जगह की खोज कर रहे है जहां पर जीवन की संभावना हो सकती है। उनकी यह खोज बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा तक पहुंच गई है। जहां पर जीवन की संभावना हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपनी शोध के मुताबिक यह दावा किया है कि बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर एलियन हो सकते हैं।
क्या बृहस्पति के चांद पर छिपे हैं एलियंस?
बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा की अधिकतर सतह पर बर्फ है। हाल ही में नासा ने बताया है कि बृहस्पति का ये चांद 60 से 150 किमी गहरे समुद्र से ढका हुआ है। इसके ऊपर भी करीब 15 से 25 किमी मोटी बर्फ जमी है। बृहस्पति का ये चांद एक चौथाई आकार का है, लेकिन इसके महासागर में पृथ्वी से लगभग दोगुना पानी है। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि ये चंद्रमा एलियन लाइफ की खोज के लिए सबसे दिलचस्प जगह हो सकती है।
नासा का नया ऑर्बिटर यूरोपा क्लिपर 2024 में इस बर्फीले चांद के लिए लॉन्च होगा। ये चांद इस बात की खोज करेगा कि क्या ये जीवन के लिए उपयुक्त जगह हो सकती है या नहीं। आपको बता दें कि इसकी भौगोलिक स्थिति ग्रीनलैंड से मेल खाती है जिसके कारण यहां पर जीवन की संभावना जताई जा रही है। ग्रीनलैंड में बर्फ के अंदर पानी में जीवन पाया जाता है। यहां पर झींगा, जेलिफिश और घोंघे जैसे जीव पाए जाते हैं।
बृहस्पति के चांद यूरोपा पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी लकीरें
वैज्ञानिकों ने इस आधार पर संभावना जताई है कि यूरोपा पर बर्फ की ठोस सतह के नीचे पानी स्थित है जहां पर जीवन हो सकता है। वैज्ञानिकों ने यूरोपा पर सैकड़ों किमी लंबी लकीरें खोजी हैं। यह लकीरें उठी हुई बर्फ है जिन्हें डबल रिज कहा जाता है। इन लकीरों और उत्तर-पश्चिम ग्रीनलैंड में समानताएं हैं।
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आपको बता दें कि इन डबल रिज पर 20 सालों से ज्यादा समय से वैज्ञानिकों द्वारा लगातार रिसर्च किया जा रहा है। नैशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के डॉ. ग्रेगर स्टीनब्रुग ने यह बात बताई है। वैज्ञानिकों को पहली बार यूरोपा पर कुछ ऐसा मिला है जो धरती पर होता है।
डॉ. ग्रेगर स्टीनब्रुग का बताया है कि बर्फीले यूरोपा पर आखिर कैसे फिजिक्स और गतिशीलता की प्रक्रियाएं हावी हैं? यह जानने और समझने का प्रयास कर रहे हैं। वैज्ञानिकों को पता चला है कि यूरोपा पर पाए जाने वाले डबल रिज की ऊंचाई करीब एक हजार फीट है जबकि लंबाई लगभग आधा मील से ज्यादा है।
बर्फ के नीचे पानी है तो वहां हो सकता है जीवन
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डस्टिन श्रोएडर का बताया है कि अगर बर्फ के नीचे पानी है, तो वहां जीवन हो सकता है। प्रोफेसर का कहना है कि ग्रीनलैंड की तरह ही कुछ यूरोपा पर भी भौगोलिक स्थिति है। इसका अनुमान है कि यहां पर पानी हो सकता है। प्रोफेसर डस्टिन श्रोएडर ने यह भी कहा है कि हमें मौसम में बदलाव से संबंधित खोज के समय संयोग से यह मिला है।
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