राधिका घई अग्रवाल, वह भारतीय महिला उद्यमी जो स्टार्टअप के बलबूते पहुंचीं बुलंदियों पर।
- जब राधिका नॉर्डस्ट्रोम में थी तो उन्होंने स्ट्रैटेजिक प्लैनिंग के साथ-साथ इनवर्टेड पिरामिड संरचना के बारे में काफी कुछ सीखा कि कैसे एक ऑर्गेनाइजेशन के विस्तार में यह काफी महत्वपूर्ण है।
- 1999 में राधिका एमबीए के लिए अमेरिका आईं और साल 2000 में गोल्डमैन सैक्स में भर्ती हुईं। उसके बाद 2001 में नॉर्डस्ट्रोम ज्वॉइन किया।
- Shopclues की Co-founder राधिका पहले से ही 2 बच्चों की मां हैं। शॉपक्लूज को वह अपना तीसरा बच्चा मानती हैं।
ऐसी कई भारतीय महिलाएं हैं, जिन्होंने बतौर स्टार्टअप अपना बिजनेस शुरू किया और समय के साथ बिजनेस में विस्तार करके बिजनेस वर्ल्ड में नाम कमाया। उन्हीं में से एक नाम हैं shopclues.com की को-फाउंडर राधिका गई अग्रवाल का, जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत के बलबूते एक अलग मुकाम हासिल किया।
सैन्य परिवार में जन्मीं और अलग-अलग जगहों पर रहीं राधिका
बात करें अगर राधिका के पारिवारिक पृष्ठभूमि की तो उन्होंने एक सैन्य परिवार में जन्म लिया है। उनके पिता इंडियन आर्मी में थे जबकि उनकी माता एक डायटिशियन थीं। बात करें अगर उनकी पढ़ाई और जॉब के बारे में तो राधिका ने एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। दरअसल, राधिका ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन में एमबीए किया है। उसके अलावा, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यकारी कार्यक्रम भी उन्होंने ज्वॉइन किया था। उन्होंने साल 1997 से लेकर 1999 तक खुद की एक एडवरटाइजिंग एजेंसी चलाई। 1999 में एमबीए के लिए अमेरिका आईं और साल 2000 में गोल्डमैन सैक्स में भर्ती हुईं। उसके बाद 2001 में नॉर्डस्ट्रोम ज्वॉइन किया।
नॉर्डस्ट्रोम में काम करते हुए तैयार किया shopclues का खाका
जब राधिका नॉर्डस्ट्रोम में थी तो उन्होंने स्ट्रैटेजिक प्लैनिंग के साथ-साथ इनवर्टेड पिरामिड संरचना के बारे में काफी कुछ सीखा कि कैसे एक ऑर्गेनाइजेशन के विस्तार में यह काफी महत्वपूर्ण है। जिसमें ग्राहक टॉप पर और सीईओ निचले स्तर में होते हैं। नॉर्डस्ट्रोम में उन्होंने 2006 तक काम किया और उसके बाद खुद की वेबसाइट शुरू की। जिसका नाम उन्होंने Fashion Clues रखा। यह वेबसाइट साउथ एशिया और अमेरिका को टारगेट करती थी। इसे वह खुद ही संभालती थी। यह सब काम करते-करते साल 2011 आ गया। जब राधिका ने शॉपक्लूज की शुरुआत की। इसका हेड क्वार्टर गुरुग्राम में है।
राधिका ने 2011 में डाली थी shopclues.com की नींव
राधिका घई अग्रवाल ने ई-कॉमर्स वेबसाइट shopclues.com की स्थापना साल 2011 में सिलिकॉन वैली में की थी। हालांकि, आज यह ई-कॉमर्स वेबसाइट देश की सबसे बड़ी वेबसाइट है। जब इस वेबसाइट का निर्माण हो रहा था तब राधिका नॉर्डस्ट्रोम के कॉर्पोरेट हेड क्वार्टर में स्ट्रैटजी प्लान करती थीं। उससे पहले उन्होंने मेनलो पार्क में वेल्थ मैनेजमेंट ग्रुप में गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया था।
2011 में 10 लोगों के साथ की थी shopclues की शुरूआत
साल 2011 में जब उन्होंने शॉपक्लूज की शुरुआत की थी तब कंपनी केवल 10 लोगों के साथ शुरू हुई थी और आज कंपनी में 1000 से अधिक लोग काम करते हैं यह ई-कॉमर्स वेबसाइट प्रतिमाह 80 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती है। शॉपक्लूज को वेंचर कैपिटल फंडिंग के तहत 100 मिलियन डॉलर की का निवेश भी मिला है।
शॉपक्लूज की सफलता के बाद की kindlife की शुरूआत
शॉपक्लूज की सफलता के बाद दिसंबर 2021 में राधिका ने अपना दूसरा बिजनेस kindlife शुरू किया। बता दें, शॉपक्लूज एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट है। जहां आप गैजेट्स, फुटवियर, फैशन और ज्वेलरी जैसे प्रोडक्ट खरीद सकते हैं। वही kindlife ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है। उल्लेखनीय है कि राधिका यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
25 साल के अनुभव से राधिका ने जीते हैं ये अवॉर्ड्स
राधिका को विभिन्न कार्य क्षेत्रों में कुल 25 साल का अनुभव है, जबकि लाइफ़स्टाइल, ई-कॉमर्स, फैशन और रिटेल जैसे सेक्टर्स में करीब 16 साल का अनुभव है। इस दौरान उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है। उन्हें 2016 में आउटलुक बिजनेस अवॉर्ड्स में आउटलुक बिजनेस वुमन ऑफ वर्थ का अवॉर्ड मिला। 2016 में ही एंटरप्रेन्योर इंडिया अवॉर्ड्स में वुमन एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। साल 2016 में ही वर्ष की अनुकरणीय महिला उद्यमी का अवॉर्ड सीएमओ एशिया अवॉर्ड्स के दौरान मिला। 2016 में सीईओ इंडिया अवॉर्ड्स में वह सीईओ ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीत चुकी हैं।
ग्राहकों को महत्व देती है शॉपक्लूज: राधिका घई अग्रवाल
राधिका शॉपक्लूज के बारे में कहती हैं कि उनकी कंपनी ग्राहकों की जरूरतों पर आधारित है। कंपनी ग्राहक सुरक्षा प्रणाली के तहत कस्टमर्स को प्रोडक्ट वापस करने की सुविधा भी प्रदान करती है। इससे ग्राहकों का उनकी कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ता है। राधिका कहती हैं कि ग्राहक अनुभव काफी महत्वपूर्ण है। शॉपक्लूज से जुड़ी चुनौतियों को याद करके राधिका बताती हैं कि जब हम कंपनी शुरू कर रहे थे तब वैलेंटाइन डे के मौके पर हमें 200 बुके चाहिए थे। यह असंभव था क्योंकि फूलों के वेंडर ने उन्हें माल सप्लाई करने के स्थान पर खुद ही सारे फूल बेच दिए थे।
उस स्थिति को संभालने के लिए उन्होंने कमाल की ट्रिक अपनाई। बकौल राधिका, जब फूल डिलीवर नहीं हुए तो हमने ग्राहकों को फूलों की जगह सॉफ्ट टॉयज और चॉकलेट भेजे। साथ ही हमने ग्राहकों से माफी भी मांगी। राधिका कहती हैं कि जब बात बिगड़ जाती है तो यह जरूरी है कि आप उस वक्त कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। उसी पर ग्राहकों के साथ आगे का फ्यूचर निर्भर करता है।
महिला कर्मचारियों से चुनौतियों और परेशानियों पर करती रहती हैं बात
Shopclues की Co-founder राधिका पहले से ही 2 बच्चों की मां हैं। शॉपक्लूज को वह अपना तीसरा बच्चा मानती हैं। मेहनती और लगनशील राधिका पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनाए रखती हैं। एक महिला होने के नाते वह महिला कर्मचारियों से उनकी परेशानियों और चुनौतियों के बारे में भी वक्त-वक्त पर बात करती रहती हैं। कुछ इंटरव्यूज में राधिका महिला कर्मचारियों से जुड़े किस्से भी साझा करती रहती हैं। ऐसा ही एक किस्सा उन्होंने बताया कि एक महिला कर्मचारी ने एक बार उनसे साझा किया था कि उसके परिवार में वह अकेली महिला हैं जिसने जींस पहनी और जॉब की है। साथ ही उसने शॉपक्लूज इसलिए ज्वॉइन की क्योंकि उसकी को-फाउंडर एक महिला है। उसके मुताबिक, एक महिला की आगे बढ़ने की चाह, बाकी महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हो सकती है। इससे बाकी महिलाओं की जिंदगी में बदलाव आ सकता है।
पॉजिटिव एटीट्यूड से जिंदगी जीती हैं राधिका, ये है उनकी सफलता का राज
राधिका पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ जिंदगी जीती हैं। जब उनसे उनकी सफलता के बारे में पूछा जाता है तो वह कहती हैं कि जिंदगी का हर दिन, आपके गुजरे दिन से बेहतर होना चाहिए। आपका आज, आपके कल से बेहतर हो और आने वाला कल, आपके आज से बेहतर हो; अगर इसी बात को ध्यान में रखकर हम आगे बढ़ें तो सफलता कदम चूमेगी।
Link Source: Wikipedia, shopclues.com