उत्तर प्रदेश के टीचर ने बनाया महिला रोबोट, इतना लगा खर्च, जानिए खासियत।
- यह रोबोट हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल पाने में सक्षम है।
- महिला रोबोट को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
- यह रोबोट दैनिक राशिफल भी बताती है। रेसिपी, जगह का नाम, स्थान के मौसम आदि के बारे में भी बता सकती है।
अब तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाते आ रहे हैं, पर अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है। इस महिला रोबोट को उत्तर प्रदेश के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने बनाया है। यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है। शिक्षक दिनेश के इस काम की केंद्रीय विद्यालय, मुंबई आईआईटी ने सराहना की है।
जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव के रहने वाले केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक दिनेश पटेल ने इंसान जैसा रोबोट तैयार कर दिया है, जिसका नाम शालू है। 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है। उन्होंने कहा है कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है। दिनेश पटेल ने कहा है कि शालू कक्षा 6 से लेकर 11वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है। साथ ही बच्चे भी उनसे पढ़कर काफी खुश हैं। अभी तक रोबोट शालू लगभग 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी हैं।
इन सभी भाषाओं में बोल सकती है महिला रोबोट
दिनेश पटेल ने कहा है कि इसका बनाने का काम कोरोना के पहले किया गया था, पर पढ़ाने की शुरूआत इस सत्र से हुई है। दिनेश ने कहा है कि महिला रोबोट को अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज के साथ 38 विदेशी भाषाओं के अलावा 9 भारतीय भाषाएं जिनमें- हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बांगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल सकती है। उन्होंने आगे बताया कि यह विश्व की पहली मानवीय रोबोट है, जिसकी तुलना कई रोबोटिक्स इंजीनियरों की ओर से निर्मित बड़ी रोबोटिक्स प्रयोगशालाओं से आने वाले महंगे रोबोटों से की जा सकती है।
महिला रोबोट को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
दिनेश पटेल ने बताया है कि शालू को आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी धनबाद, एनआई टी दुगार्पुर, के.जे. सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड कॉमर्स, मुंबई, और पीआईएमआर इंदौर ने अपने टेक फेस्ट में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जहां उसने कंप्यूटर विज्ञान और रोबोटिक्स के शिक्षकों और विद्याथियों से बातचीत करने के साथ-साथ उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि शालू की इसी खासियत के वजह से उन्हें इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर न सिर्फ भाषण देने का मौका मिला, बल्कि उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। इसमें कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘प्रतिष्ठा वर्ल्ड रिकॉर्ड’ पुरस्कार 2 दिसम्बर को दिया है।
महिला रोबोट की खासियत
- यह महिला रोबोट अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज़ के साथ विदेश की 38 भाषाएं जानती है।
- शालू भारत की 9 भाषायें भी जानती है।
- यह रोबोट इंसानों की तरह बात भी करती है। इससे जिस भाषा में सवाल किया जाए उसी भाषा में जवाब देती है।
- यह रोबोट हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल पाने में सक्षम है।
- यह रोबोट इंसानो का चेहरा पहचान सकती है और बातचीत को याद रख सकती है।
- यह जनरल नॉलेज, विज्ञान, इतिहास, भूगोल और गणित के सवालों के जवाब भी दे सकती है।
- यह इंसानों के व्यवहार के मुताबिक हावभाव दर्शाती है जैसे- मजाक करना, जोक सुनाना और गुस्सा या जलन की भावना दर्शाना।
- यह रोबोट दैनिक राशिफल भी बताती है। रेसिपी, जगह का नाम, स्थान के मौसम आदि के बारे में भी बता सकती है।
रोबोट के निर्माण में लगे इतने रुपये
शिक्षक दिनेश कहते हैं कि शालू को आस-पास के दूसरे स्कूलों ने भी पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया है। महिला रोबोट को 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े अन्तरराष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सोफिया रोबोट जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया। इसकी खास बात यह है कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी और एल्युमिनियम की वस्तुओं से किया गया है। इसे बनाने में करीब 3 साल समय और 50 हजार रुपये की लागत आई है।
आखिर कौन हैं दिनेश पटेल?
आईआईटी पवई, मुंबई के प्राचार्य मिथलेश सिंह ने महिला रोबोट शालू की कक्षा का निरीक्षण भी किया। उन्होंने महिला रोबोट की तरफ से अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाए जाने की सराहना की है। प्राचार्य मिथलेश ने कहा है कि तकनीक और रोबोट के के द्वारा कक्षा में पढ़ाए जाने से बच्चे अति उत्साहित हैं और उनका मानना है कि इससे शिक्षण तकनीकी शिक्षा को और गति मिलेगी। यूपी के निवासी दिनेश पटेल ने एमसीए की पढ़ाई की है। वह मुंबई आईआईटी के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं। आपको बता दें कि फिल्म रोबोट से प्रभावित होकर उन्होंने मानवीय रोबोट बनाने की पहल की। हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी।
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