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 मैग्जीन में छपी ज्वैलरी देख आया बिजनेस आइडिया, फिर खड़ा किया अरबों का साम्राज्य।
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मैग्जीन में छपी ज्वैलरी देख आया बिजनेस आइडिया, फिर खड़ा किया अरबों का साम्राज्य।

by The Journal Story October 31, 2022 0 Comment
  • सुचि मुखर्जी हरियाणा के मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखती है। सुचि का जन्म 1973 मे हुआ था, वह 47 साल की हैं।
  • सुचि मुखर्जी अपने लिए कुछ करना चाहती थी, ऐसा कुछ जो समाज में अंतर ला सके और कुछ ऐसा जो बहुतों की जरूरतों को पूरा कर सके और इसलिए उन्होंने लाइमरोड को स्थापित किया।
  • लाइमरोड को शुरु करने के लिए भी सुचि को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लाइमरोड को शुरु करने के लिए सबसे पहला कदम था ऐसे लोगों को ढूंढना जो अपने काम में माहिर हों।

एक औरत चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती है। वह अपने सभी सपनों को पूरा कर सकती है। एक महिला अपनी लगन और जुनून के बल पर हर कहानी को सच कर सकती है।  कुछ ऐसी ही कहानी है लाइमरोड जैसे फैशन प्लेटफॉर्म की संस्थापक सुचि मुखर्जी का। सुचि मुखर्जी ने अपने नजरिये और दृष्टिकोण से न सिर्फ यह प्लेटफॉर्म बनाया बल्कि इस प्लेटफॉर्म को इतना सफल भी बनाया कि लोग भी इसे पसंद करें। तो चलिए जानते हैं कि आखिर कौन हैं सुचि मुखर्जी।

Image Credit: India Today

सुचि मुखर्जी कौन हैं? 

सुचि मुखर्जी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट लाइमरोड की संस्थापक हैं। वह एक बहुत ही सफल भारतीय व्यवसायी हैं और साल 2010 में उन्हें पेरिस में विश्व महिला मंच में एक उभरती हुई प्रतिभा माना जाता था। 

सुचि मुखर्जी का शुरुआती जीवन

सुचि मुखर्जी हरियाणा के मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखती है। सुचि का जन्म 1973 मे हुआ था, वह 47 साल की हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कालेज से कामर्स मे ग्रेजुएशन की है। सुचि मुखर्जी ने लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और मैथ्स में बीए व लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से फाइनेंस में मास्टर किया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लेहमन ब्रदर्स कंपनी में एक सीनियर एसोसिएट के पद पर पहली नौकरी की थी। उन्होंने इस कंपनी में करीब 5 साल से अधिक वक्त देने के साथ साथ टेलीकॉम मीडिया टेक्नोलॉजी और फाइनेंस इंस्टीट्यूशन की ओर भी ध्यान दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में पूरा ज्ञान प्राप्त करने के बाद वर्जिन मीडिया कंपनी में ‘डायरेक्टर फॉर चेंज एंड बिजनस डेवलपमेंट’ के रुप में भी काम किया। इसके साथ ही सुचि यहां कंज्यूमर डिवीजन मैनेजमेंट समूह की भी सदस्य रही थीं। सुचि मुखर्जी ने यहां 2 वर्ष तक नौकरी करने के बाद ऑनलाइन वीडियो कॉल्स एप्लीकेशल “Skype” और ई-कॉमर्स कंपनी “Ebay” में भी सेवाएं दीं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी लीडरशिप स्किल की ताकत पर करीब 2 साल में विज्ञापन पोर्टल “Gumtree” को यूनाइटेड किंगडम का सबसे कामयाब पोर्टल बना दिया।

सुची मुखर्जी ने किससे शादी की

मुखर्जी ने संदीप कुंटे से शादी की है, जो बार्कलेज बैंक में काम करते हैं। सुचि मुखर्जी और संदीप कुंटे पहली बार नई दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में इंटर्नशिप के दौरान मिले थे। दोनों ने नई दिल्ली में एक साथ समय बिताया और फिर इंटर्नशिप खत्म होने के बाद अलग हो गए। इंटर्नशिप के बाद सुचि लंदन और संदीप बोस्टन गए। वे दोनों संपर्क में रहे और कुछ दिनों बाद संदीप भी काम के सिलसिले में लंदन चले गए। जिसके बाद सुची मुखर्जी और संदीप कुंटे ने साल 2006 में शादी कर ली थी। फिलहाल, उन दोनों की एक बेटी और एक बेटा है। उन्होंने अपने बच्चों के जीवन को गुप्त रखा है, तो उनके बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं है।

कैसे आया इस बिजनेस को शुरु करने का आइडिया

यूनाइटेड किंगडम की श्रेष्ठ कंपनी में जरुरी पद संभाल रहीं युवा सुचि मुखर्जी के बिजनेस वुमन बनने की कहानी बेहद रोचक है। आपको बता दें कि, लंदन में वह एक दिन मैग्जीन पढ़ रहीं थीं। जिसमें उन्होंने ज्वैलरी देखी और उसे खरीदने का मन बनाया, पर सुचि मुंबई की छोटी दुकानों पर उपलब्ध थी और इतनी दूर से उसे खरीद पाना संभव नहीं था। इस वाकये ने उनको सोचने पर मजबूर किया कि, आखिर ऐसी कोई कंज्यूमर टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे कि अच्छी एसेसरीज और प्रोडक्ट्स को आसानी से पाया जा सके। वहीं, भारत में निर्मित जीवन शैली से जुड़े उत्पादों को देश और विदेश में बैठकर देखने और खरीदने का कोई प्लेटफॉर्म नहीं था, जबकि उत्पादन के नजरिए से भारत दुनिया का बड़ा हब है। उस दौरान सुचि को एहसास हुआ कि पूरे विश्व में लाइफस्टाइल उत्पादों का तकरीबन 20 करोड़ डॉलर का बिजनेस है, जबकि भारत की इसमें सिर्फ 20 फीसदी साझेदारी ही है। यही कारण है कि सुचि ने भारत के छोटे-मंझोले व्यापारियों को एक डिजिटल मंच पर आमंत्रित करने के बारे में सोचा, जहां पर वह अपने उत्पादों को बेच सकें। एक महिला होने के कारण उनको पता था कि दुनिया भर में महिलाओं को किस तरह के उत्पाद पसंद हैं। अब लाइमरोड के जरिए उन्होंने शॉपिंग से जुड़ी समस्याओं का निदान करने प्रयत्न किया है। 

लाइमरोड का सफर

सुचि मुखर्जी अपने लिए कुछ करना चाहती थी, ऐसा कुछ जो समाज में अंतर ला सके और कुछ ऐसा जो बहुतों की जरूरतों को पूरा कर सके और इसलिए उन्होंने लाइमरोड को स्थापित किया। लाइमरोड एक सोशल-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो आज की महिला ऑडियंस को टार्गेट करता है। इस प्लेटफॉर्म पर आप अच्छे से अच्छा फैशन स्टाइल शेयर, डिसकवर और खरीद सकती हैं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इसमें 100 प्रतिशत यूजर्स द्वारा जनरेट किया गया कॉन्टेंट है जो इसकी स्क्रैपबुकिंग कम्युनिटी के जरिए बनाई गई है।

शुरुआती चुनौतियां 

लाइमरोड को शुरु करने के लिए भी सुचि को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लाइमरोड को शुरु करने के लिए सबसे पहला कदम था ऐसे लोगों को ढूंढना जो अपने काम में माहिर हों। सुची और उनकी टीम को ऐसे लोगों को ढूंढने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा जो इसके लिए फिट हों। वहीं उनकी दूसरी परेशानी थी सही इंफ्रास्ट्रक्चर और हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा। इसके साथ ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन और दूसरे लीगल फॉर्मैलिटीज में भी उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी इतने सबके बाद आज लाइमरोड बहुत सफल प्लेटफॉर्म है।

आज सुची का यह सपना न सिर्फ पूरा हुआ बल्कि उन्हें ऊंचाइयों पर भी पहुंचा गया।

उसने अपना करियर कब शुरू किया

सुचि ने अपने करियर की शुरुआत लेहमैन ब्रदर्स इनकॉर्पोरेशन से की, वह कॉर्पोरेट वित्त विभाग में एक सीनियर एसोसिएट बन गईं। उन्होंने 5 साल बाद लेहमैन ब्रदर्स इनकॉर्पोरेशन को छोड़कर वर्जिन मीडिया के लिए काम करने लगीं, जहां सुचि चेंज एंड बिजनेस डेवलपमेंट की निदेशक रही थीं। 2 साल बाद, सुचि ने eBay निगमन में व्यापार विक्रेता कार्यक्रमों की अगुवाई करने के लिए स्विच किया। फिर एक साल बाद वह Skype में एक कार्यकारी प्रबंधन टीम की निदेशक बनीं, जिसका अधिकार उस वक्त Ebay के पास था। इसके बाद, वह Gumtree में उतरी, जो उस वक्त Ebay के प्रभुत्व में थी। साल 2011 तक वह वहां एक प्रबंध निदेशक रही थीं। मैटरनिटी लीव पर रहते हुए, सुचि को एक ऑनलाइन शॉपिंग नेटवर्क का विचार आया। उस विचार के वजह से साल 2012 में लाइमरोड की स्थापना हो गई।

बेटे की स्किन प्रॉब्लम्स के वजह से शुरू किया बिजनेस, बना डाली करोड़ों की कंपनी।

पुरस्कार, उपलब्धियां और सम्मान

सुचि मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत के बाद से कई पुरस्कार, उपलब्धियां और सम्मान प्राप्त किए हैं।

  • साल 2015 में उन्होंने बिजनेस टुडे से सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप पुरस्कार जीता।
  • वह अपनी वेबसाइट लाइमरोड के साथ 50 मिलियन दर्शकों तक पहुंचना।
  • साल 2015 में उन्हें INFOCOM वुमन ऑफ द ईयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 
  • उन्होंने साल 2016 में यूनिकॉर्न स्टार्टअप अवार्ड जीता।
  • साल 2017 में उन्हें ET स्टार्टअप अवार्ड के लिए भी नामांकित किया गया था।

आप दुनिया में जो भी देखना चाहते हैं, उसे बनाने की एक मुख्य मिसाल सुचि मुखर्जी हैं। एक मैगजीन पढ़ते वक्त सुचि ने अपने पसंदीदा गहनों का एक टुकड़ा देखा और सोचा कि कोई ऐसी जगह होनी चाहिए जहां से वह उसे आसानी से मिल सके। फिर वहीं से, उन्होंने अपना ऑनलाइन शॉपिंग नेटवर्क बनाया और भारत की सर्वश्रेष्ठ बिजनेसवूमेन में से एक बन गई। वह एक प्रेरणादायक और कलात्मकता महिला हैं और यह कहना बेहद मुश्किल है कि वह आगे क्या करेंगी।

Link Source: Limeroad, LinkedIn

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